शनिवार, मार्च 29, 2008

एक सुखा पत्ता


हाँ,
हिला तो था कुछ.......
आई तो थी आवाज
खङकने की
तब......
जब मैं गुजर रही थी
तेरी यादो के जंगल से।
ठुंठ kharre hai वहा
हरियाली का नामो-निशा नही
केवल वही-
अकेला था वहा.........

तेरा एहसास लिए
एक सुखा पत्ता
बस..........एक सुखा पत्ता.

2 टिप्‍पणियां:

Ek ziddi dhun ने कहा…

how sweet, how painful

pawantoon ने कहा…

aaj aap nahi hain sath
black colour bhi gayab
ho gaya hai mera white
page se.
asman main bhi andhra
hai.
colour aphe se hi hai