सोमवार, अगस्त 11, 2008

रामनरेश त्रिपाठी

हिन्दी के पूर्व छायावाद युग के समर्थ कवियों में रामनरेश त्रिपाठी का नाम उल्लेखनीय है. इनका जन्म 1881 इसवी. में तथा मृत्यु 1962 इसवी में हुई. चार काव्य-कृतिया मुख्या रूप से उल्लेखनीय है........"मिलन" (1918), "पथिक" (1921), "मानसी" (1927), और "स्वप्न" (1929)
तिल्ली सिंह
पहने धोती कुरता झिल्ली
गमछे से लटकाये किल्ली
कस कर अपनी घोड़ी लिल्ली
तिल्ली सिंह जा पहुँचे दिल्ली
पहले मिले शेख जी चिल्ली
उनकी बहुत उड़ाई खिल्ली
चिल्ली ने पाली थी बिल्ली
बिल्ली थी दुमकटी चिबिल्ली
उसने धर दबोच दी बिल्ली
मरी देख कर अपनी बिल्ली
गुस्से से झुँझलाया चिल्ली
लेकर लाठी एक गठिल्ली
उसे मारने दौड़ा चिल्ली
लाठी देख डर गया तिल्ली
तुरत हो गयी धोती ढिल्ली
कस कर झटपट घोड़ी लिल्ली
तिल्ली सिंह ने छोड़ी दिल्ली
हल्ला हुआ गली दर गल्ली
तिल्ली सिंह ने जीती दिल्ली!

5 टिप्‍पणियां:

समयचक्र ने कहा…

bahut badhiya rachana .abhaar

Udan Tashtari ने कहा…

वाह! आनन्द आ गया. पढ़वाने का आप को बहुत शुक्रिया.

बालकिशन ने कहा…

पढ़वाने का आप को बहुत शुक्रिया.

तसलीम अहमद ने कहा…

achcha laga

Ek ziddi dhun ने कहा…

मजा आ गया। बहुत अच्छी कविता। भतीजी के लिए यहां से उतारकर भेज दी है।