सोमवार, अप्रैल 26, 2010

तुम्हारे लिए...


मैंने कब कहा
तुमसे,
तुम आकाश हो जाओ
मेरे लिए.....
पर
मैं-
धरती होना चाहती हूँ
तुम्हारे लिए........ "